नई दिल्ली: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए (AMCA Fighter Jet) एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोग्राम के कार्यान्वयन मॉडल को हरी झंडी दे दी है. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में स्वदेशी हथियारों की सफलता ने भारत की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन दुनिया के सामने रखा है.

AMCA Fighter Jet- स्वदेशी तकनीक से होगा निर्माण
इस परियोजना को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और भारतीय उद्योगों की साझेदारी में लागू किया जाएगा. AMCA का निर्माण पूरी तरह स्वदेशी तकनीक और विशेषज्ञता के साथ किया जा रहा है, जिससे भारत के एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा. AMCA Fighter Jet
AMCA क्या है?
AMCA फाइटर जेट भारत का पहला स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और विभिन्न उद्योगों की साझेदारी में विकसित किया जा रहा है. यह स्टील्थ फाइटर जेट अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है, जिसमें रडार से बचने की क्षमता, उन्नत सेंसर, और शक्तिशाली हथियार प्रणाली शामिल हैं. इसका डिज़ाइन 25 टन वजन वाली मध्यम श्रेणी का है, जिसमें दो इंजन और 6.5 टन की ईंधन क्षमता होगी. यह विमान 55,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होगा और 1,864 मील की युद्धक रेंज रखेगा. AMCA Fighter Jet
AMCA की खासियत यह है कि यह न केवल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें ले जा सकता है, बल्कि 1.5 टन तक के हथियारों को आंतरिक हथियार खंड में ले जाने की क्षमता रखता है. यह इसे स्टील्थ मोड में दुश्मन के रडार से बचकर सटीक हमले करने में सक्षम बनाता है. साथ ही, यह विमान गैर-स्टील्थ मोड में अपने पंखों पर अतिरिक्त हथियार ले जा सकता है, जो इसे बहुमुखी बनाता है. AMCA Fighter Jet

AMCA Fighter Jet- स्वदेशी रक्षा तकनीक का प्रतीक
AMCA परियोजना भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस परियोजना को 2024 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मंजूरी दी थी, जिसके तहत पांच प्रोटोटाइप के निर्माण के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. DRDO और ADA के नेतृत्व में, इस विमान का पहला प्रोटोटाइप 2026-27 तक तैयार होने की उम्मीद है, और पहली उड़ान 2028 में होगी। 2034 तक इसे भारतीय वायुसेना में शामिल करने की योजना है.
यह परियोजना न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूत करती है. AMCA में 75% स्वदेशी सामग्री होगी, जिसे बाद में 85% तक बढ़ाया जाएगा. यह भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से निजी क्षेत्र, को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा. AMCA Fighter Jet
AMCA की तकनीकी विशेषताएं
AMCA फाइटर जेट में कई अत्याधुनिक तकनीकें शामिल की जाएंगी, जो इसे विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्टील्थ विमानों के समकक्ष बनाएंगी। इनमें शामिल हैं:
- AI-पावर्ड इलेक्ट्रॉनिक पायलट: यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित सिस्टम पायलट के कार्यभार को कम करता है और जटिल युद्ध परिस्थितियों में स्वचालित निर्णय लेने में सहायता करता है।
- नेटसेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम: यह वास्तविक समय में युद्ध समन्वय को सक्षम बनाता है, जिससे AMCA मानव रहित ड्रोन के साथ मिलकर काम कर सकता है।
- इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट: यह सिस्टम विमान की स्थिति की निगरानी करता है और रखरखाव को और प्रभावी बनाता है।
इन विशेषताओं के साथ, AMCA न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि इसे भविष्य के युद्धों के लिए तैयार करेगा.
AMCA Fighter Jet- क्षेत्रीय चुनौतियों का जवाब
हाल के वर्षों में, क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियां बढ़ी हैं. खासकर, पाकिस्तान द्वारा चीन से J-35A स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की खबरें और चीन द्वारा अपने J-20 विमानों को भारत की सीमाओं के पास तैनात करने ने भारत को अपनी रक्षा रणनीति को और मजबूत करने के लिए प्रेरित किया है. इसके जवाब में, AMCA का विकास भारत की रक्षा स्वायत्तता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. AMCA Fighter Jet
वैश्विक स्तर पर, अमेरिका और रूस जैसे देश भारत को अपने F-35 और Su-57 स्टील्थ विमानों को बेचने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, AMCA परियोजना के साथ, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी स्वदेशी तकनीक पर निर्भर रहेगा. यह न केवल लागत को कम करेगा, बल्कि भारत को विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता से मुक्त करेगा.
AMCA Fighter Jet- भविष्य की राह
AMCA परियोजना भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर रही है. 2035 तक, जब यह विमान पूरी तरह से भारतीय वायुसेना में शामिल होगा, भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट हैं. इसके अलावा, AMCA में छठी पीढ़ी की तकनीकों को शामिल करने की योजना है, जैसे कि उन्नत सेंसर और मॉड्यूलर डिज़ाइन, जो इसे भविष्य के लिए प्रासंगिक बनाएंगे.
एयरो इंडिया 2025 में AMCA का पूर्ण-आकार मॉडल प्रदर्शित किया गया, जिसने दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों का ध्यान खींचा. यह मॉडल भारत की तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
चीन-पाकिस्तान से मुकाबले के लिए रणनीतिक कदम
भारत का यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि पाकिस्तान चीन से जे-31 जैसे फिफ्थ जनरेशन फाइटर खरीदने की तैयारी में है. दूसरी ओर भारत पर अमेरिका या रूस से ऐसे विमान खरीदने का दबाव रहा है। लेकिन अब भारत ने साफ संकेत दे दिया है कि वह खुद अपनी तकनीक पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर बनेगा.
वैश्विक मंच पर भारत की ताकत
AMCA परियोजना से भारत न केवल अपनी सेनाओं को अत्याधुनिक बनाएगा, बल्कि रक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भी अपनी एक अलग पहचान बनाएगा. इसके अलावा, यह कार्यक्रम भारतीय स्टार्टअप्स और रक्षा उद्योगों को भी विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा.
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सोर्स- NEWS18 HINDI