Bihar Assembly Election 2025: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन इससे पहले INDIA ब्लॉक के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है। झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कड़े तेवर अपनाए हैं। JMM ने साफ कर दिया है कि वह इस बार बिहार में ‘मेहमान’ की भूमिका में नहीं, बल्कि एक मजबूत ‘भागीदार’ के रूप में उतरना चाहती है। पार्टी ने INDIA ब्लॉक से बिहार में कम से कम 12-13 सीटों की मांग की है, लेकिन गठबंधन के नेतृत्व, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस, ने अभी तक इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया है। इससे JMM के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नाराज हैं, जिसने गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। Bihar Assembly Election 2025
JMM की नाराजगी: बिहार में ‘सम्मान’ की मांग- Bihar Assembly Election 2025
JMM की नाराजगी का कारण सिर्फ सीटों की संख्या नहीं, बल्कि INDIA ब्लॉक की ‘एकतरफा’ कार्यशैली भी है। JMM प्रवक्ता मनोज पांडे ने स्पष्ट कहा, “हम किसी के मोहताज नहीं हैं। अगर गठबंधन हमें सम्मानजनक स्थान नहीं देता, तो हम बिहार में अकेले चुनाव लड़ने को तैयार हैं।” JMM का मानना है कि बिहार के झारखंड से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों, जैसे झाझा, चकाई, कटोरिया, और बनमनखी में उसका जनाधार है। इन क्षेत्रों में आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के मतदाता JMM के लिए संभावनाएं बढ़ाते हैं। पार्टी ने इन सीटों पर बूथ मैनेजमेंट और उम्मीदवारों की स्क्रूटनी भी शुरू कर दी है, जो उसकी गंभीरता को दर्शाता है।

झारखंड में गठबंधन, बिहार में उपेक्षा?- Bihar Assembly Election 2025
JMM की नाराजगी की एक बड़ी वजह यह है कि झारखंड में उसने RJD और कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें दी थीं। 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में JMM ने 34 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और RJD ने 4 सीटें हासिल की थीं। झारखंड के संथाल परगना और कोल्हान जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में INDIA ब्लॉक ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें संथाल की 18 में से 17 सीटें गठबंधन के खाते में गईं। लेकिन बिहार में JMM को गठबंधन की बैठकों में शामिल नहीं किया गया, जिसे पार्टी ‘अपमान’ के रूप में देख रही है।
JMM को यह भी शिकायत है कि कांग्रेस ने झारखंड में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। संथाल और कोल्हान में कांग्रेस की पदयात्राएं और पंचायत सम्मेलन JMM को यह संदेश दे रहे हैं कि सहयोगी दल उसकी जमीन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। JMM को डर है कि यह रणनीति बिहार की तरह झारखंड में भी सीटों की मांग को बढ़ा सकती है।
RJD की अगुवाई और सीट बंटवारे की चुनौती- Bihar Assembly Election 2025
बिहार में INDIA ब्लॉक की अगुवाई RJD कर रही है, जो गठबंधन के सबसे बड़े दल के रूप में 144 सीटों पर अपनी दावेदारी रख चुकी है। कांग्रेस ने 70 सीटों की मांग की है, जबकि वाम दलों ने 30 और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 18 सीटों का दावा किया है। सूत्रों के मुताबिक, अगर पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) गठबंधन में शामिल होती है, तो उसे 3 सीटें दी जा सकती हैं। इस फॉर्मूले में JMM के लिए कोई जगह नहीं दिख रही, जिसने तनाव को और बढ़ा दिया है। Bihar Assembly Election 2025
RJD ने अब तक चार बार सीट बंटवारे पर बैठकें की हैं, लेकिन JMM को इनमें शामिल नहीं किया गया। 5 जुलाई 2025 को RJD का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है, जिसके बाद सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला संभव है। लेकिन RJD के झारखंड महासचिव कैलाश यादव ने JMM को नसीहत दी है कि वह ‘अहंकार’ में न बोले और सही मंच पर अपनी बात रखे। उन्होंने तेजस्वी यादव की लोकप्रियता का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में RJD का ‘तूफान’ है, जिसे कोई कम नहीं आंक सकता।
कांग्रेस की कूटनीति और तटस्थ रुख- Bihar Assembly Election 2025
कांग्रेस इस विवाद में कूटनीति का रास्ता अपना रही है। झारखंड कांग्रेस के नेता केशव महतो कमलेश ने कहा, “जैसे झारखंड में हमने आपसी सहमति से फैसला लिया, वैसे ही बिहार में भी सहयोगी दल मिलकर समाधान निकालेंगे।” लेकिन कांग्रेस की यह नरम भाषा JMM की नाराजगी को शांत करने में कितनी कारगर होगी, यह देखना बाकी है। कांग्रेस ने बिहार में 40-50 सीटों की मांग की है, लेकिन 2020 में 70 सीटों पर केवल 19 जीतने के कारण RJD उसकी मांग को कम करने पर विचार कर रही है।
JMM का बिहार में प्रदर्शन: अतीत और संभावनाएं- Bihar Assembly Election 2025
JMM का बिहार में चुनावी इतिहास मिला-जुला रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में JMM ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और 25,213 वोट हासिल किए। 2015 में उसने 32 सीटों पर 1,03,940 वोट और 2010 में 41 सीटों पर 1,76,400 वोट प्राप्त किए थे। साल 2000 में JMM ने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा और 13,06,152 वोट हासिल किए, जो उसका अब तक का सबसे मजबूत प्रदर्शन था। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में JMM ने बिहार में उम्मीदवार नहीं उतारे और INDIA ब्लॉक का समर्थन किया था।
JMM का मानना है कि झारखंड से सटे बिहार के क्षेत्रों में उसका प्रभाव है, खासकर आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के बीच। पार्टी ने झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, और पीरपैंती जैसी सीटों पर दावेदारी ठोकी है। अगर गठबंधन में जगह नहीं मिली, तो JMM इन सीटों पर अकेले उतरने की तैयारी कर रही है, जिससे कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।
BJP का तंज और संभावित प्रभाव- Bihar Assembly Election 2025
बीजेपी इस विवाद को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। बीजेपी नेता आदित्य साहू ने कहा, “RJD और कांग्रेस कभी JMM को तवज्जो नहीं देंगे। वे झारखंड की सत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं।” बीजेपी का दावा है कि गठबंधन की यह अंतर्कलह NDA को फायदा पहुंचाएगी, जो पहले से ही बिहार में अपनी रणनीति को मजबूत कर रहा है।
झारखंड सरकार पर खतरे के बादल?- Bihar Assembly Election 2025
JMM की नाराजगी का असर सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रह सकता। झारखंड में JMM के 34 विधायकों के साथ सरकार चल रही है, लेकिन बहुमत के लिए 41 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस के 16 और RJD के 4 विधायक गठबंधन का हिस्सा हैं। अगर JMM की नाराजगी बढ़ती है, तो झारखंड में गठबंधन की एकता पर सवाल उठ सकते हैं, जिसका असर सरकार की स्थिरता पर पड़ सकता है। Bihar Assembly Election 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन INDIA ब्लॉक के भीतर सीट बंटवारे का विवाद गठबंधन की राह में रोड़ा बन रहा है। JMM की 12-13 सीटों की मांग और हेमंत सोरेन की नाराजगी ने RJD और कांग्रेस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। 5 जुलाई को RJD के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है। अगर JMM अकेले चुनाव लड़ती है, तो कई सीटों पर वोटों का बंटवारा NDA को फायदा पहुंचा सकता है। दूसरी ओर, अगर गठबंधन में सहमति बनती है, तो INDIA ब्लॉक NDA को कड़ी टक्कर दे सकता है। फिलहाल, सियासी गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या JMM बिहार में अपनी जमीन मजबूत कर पाएगी, या गठबंधन की खींचतान उसकी राह में बाधा बनेगी?