मुजफ्फरनगर – कहते है जितना प्रेम पर्वती को शिव से था आज उतना प्रेम मिलना बहुत मुश्किल से हैं ।हरिद्वार से पावन गंगाजल लेकर शिव भक्तों का अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होने का सिलसिला जारी है। सावन के पवित्र महीने में हर की पैड़ी से गंगाजल उठाकर हजारों शिवभक्तों की टोलियां अपने आराध्य भगवान शिव को जलाभिषेक अर्पित करने निकल पड़ी हैं। इसी क्रम में जनपद मुजफ्फरनगर में कांवड़ियों का आना लगातार बना हुआ है।
इसी बीच मोदीनगर के पखरवे गांव निवासी एक महिला शिवभक्त आशा ने जो मिसाल पेश की है, उसने सभी को भावुक कर दिया। आशा अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य लाभ की कामना लेकर हरिद्वार पहुंचीं और वहां से पवित्र गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा पर निकल पड़ीं। खास बात यह है कि उनके पति सचिन, बीमारी के चलते दोनों पैरों से पैरालाइज हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं।
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आशा ने बताया कि उनके पति की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद से वे चल नहीं पा रहे हैं। शुरुआत में पति सचिन का हरिद्वार जाने का मन भी नहीं था, लेकिन आशा ने शिवजी से प्रार्थना की और आस्था की शक्ति ने उन्हें हर की पैड़ी तक खींच लाया। सचिन के बार-बार मना करने के बावजूद आशा ने हिम्मत दिखाते हुए अपने पति को कंधे पर उठाया और कांवड़ यात्रा पर निकल पड़ीं। Kanwar Yatra News
जनपद मुजफ्फरनगर में पहुंचने पर मीडिया से बातचीत करते हुए आशा ने बताया कि उन्होंने संकल्प लिया था कि यदि उनके पति की सेहत में सुधार हुआ तो वह उन्हें कांवड़ यात्रा पर अपने कंधों पर लेकर जाएंगी। आशा अपने दो छोटे बच्चों के साथ इस कठिन यात्रा में जुटी हुई हैं। सचिन पहले खुद लगातार 13 बार कांवड़ यात्रा कर चुके हैं, लेकिन इस बार उनकी बीमारी ने उन्हें रोक लिया था। ऐसे में पत्नी आशा द्वारा उठाया गया यह साहसिक और भावुक कदम लोगों के लिए प्रेरणा बन गया है।