नई दिल्ली। केंद्र सरकार से मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे देशभर के शिक्षक प्रतिनिधियों को दिल्ली में पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से जबरन खदेड़ दिया। संसद भवन की ओर बढ़ रहे शिक्षकों को पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर रोका और फिर बलपूर्वक उन्हें तितर-बितर कर दिया। इस दौरान कई शिक्षकों के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की घटनाएं भी सामने आईं।
क्या थी शिक्षकों की मांग? देशभर से दिल्ली आए शिक्षकों को पुलिस ने क्यों खदेड़ा
शिक्षकों की प्रमुख मांगों में शामिल थे
- समान काम के लिए समान वेतन
- पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली
- अनुबंध प्रणाली को खत्म कर नियमित नियुक्ति
- NEP 2020 पर पुनर्विचार
- रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती
कहां से आए थे शिक्षक? देशभर से दिल्ली आए शिक्षकों को पुलिस ने क्यों खदेड़ा
देशभर के विभिन्न राज्यों – बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, हरियाणा और मध्य प्रदेश से हजारों शिक्षक दिल्ली के जंतर-मंतर और संसद मार्ग पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार उनकी आवाज को लगातार नजरअंदाज कर रही है।
पुलिस का क्या कहना है? देशभर से दिल्ली आए शिक्षकों को पुलिस ने क्यों खदेड़ा
दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने अनुमति से अधिक संख्या में एकत्र होकर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया और संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिससे कानून-व्यवस्था का संकट पैदा हो गया।
शिक्षकों क्या कहा देशभर से दिल्ली आए शिक्षकों को पुलिस ने क्यों खदेड़ा
शिक्षकों का कहना है कि उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति थी, लेकिन पुलिस ने बर्बरता दिखाई और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया गया।
📌 मुख्य बिंदु (Bullet Points):
- OPS बहाली और नियमितीकरण को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन
- संसद की ओर बढ़ते समय पुलिस ने रोका
- शिक्षकों के साथ कथित धक्का-मुक्की और अभद्रता
- देशभर से आए थे हजारों शिक्षक
- शिक्षक संगठनों ने दिया आगे संघर्ष का संकेत