Chhath Puja 2025 Niyam: नई दिल्ली/पटना: सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा 2025 आज 25 अक्टूबर शनिवार से शुरू हो गया है। आज के दिन नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व की पवित्र शुरुआत हुई। यह पर्व भगवान भास्कर (सूर्य देव) और छठी मईया को समर्पित है।

श्रद्धालु पूरे मनोयोग से 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं और सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।छठ पूजा का व्रत अत्यंत कठिन माना गया है क्योंकि इसमें जल और अन्न दोनों का सेवन वर्जित है। इस पर्व के दौरान शुद्धता, सात्विकता और ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य माना गया है।

छठ पूजा के प्रमुख नियम:
1️⃣ पहला दिन – नहाय-खाय: इस दिन व्रती और परिवारजन केवल सात्विक भोजन करते हैं। चने की दाल, अरवा चावल और कद्दू की सब्जी को शुद्ध घी और सेंधा नमक से बनाना शुभ होता है।
2️⃣ मांसाहार, लहसुन और प्याज का सेवन पूरी तरह वर्जित है।
3️⃣ दूसरा दिन – खरना: व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर व रोटी से पूजा के बाद भोजन करते हैं।
4️⃣ छठ प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करना चाहिए।
5️⃣ पूजा सामग्री जैसे सूप, डगरा, दउरा और टोकरी सभी नई होनी चाहिए।
6️⃣ व्रत के दौरान साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
7️⃣ व्रती को नए वस्त्र पहनने, जमीन पर सोने और नकारात्मक विचारों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
8️⃣ प्रसाद को छठी मईया को अर्पित करने से पहले कोई न खाए।
9️⃣ तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य: डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती छठ गीतों और कथाओं से माहौल को भक्तिमय बनाते हैं।
🔟 चौथा दिन – उषा अर्घ्य: सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होता है और 36 घंटे का निर्जला व्रत पूर्ण होता है।
