- संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में उस वक्त सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और मैनपुरी से सांसद अखिलेश यादव की सीधी बहस केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हो गई। दोनों नेताओं के बीच जमकर तीखी जुबानी जंग देखने को मिली।
क्या था मामला? संसद में भिड़े अमित शाह और अखिलेश यादव
आज सदन में विपक्ष की ओर से मणिपुर, यूपी में कानून व्यवस्था और सीएए को लेकर सवाल उठाए गए। इसी दौरान अखिलेश यादव ने खड़े होकर सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा,“देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है।”उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बहुमत के दम पर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। अखिलेश के तीखे तेवरों का जवाब देने के लिए गृहमंत्री अमित शाह खुद खड़े हुए।
अमित शाह ने किया पलटवार संसद में भिड़े अमित शाह और अखिलेश यादव
अमित शाह ने कहा,“अखिलेश जी को याद दिलाना जरूरी है कि जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब कानून व्यवस्था की हालत कैसी थी। आज देश में सुरक्षा बेहतर हुई है, आतंकवाद पर लगाम लगी है।”शाह ने आगे कहा कि विपक्ष को आलोचना का हक है, लेकिन तथ्यात्मक बातें रखी जानी चाहिए।
सदन में नोकझोंक संसद में भिड़े अमित शाह और अखिलेश यादव
दोनों नेताओं के बीच बहस के दौरान सदन का माहौल काफी गर्म रहा। स्पीकर को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा। अखिलेश यादव ने सरकार पर तानाशाही रवैये का आरोप दोहराया, वहीं अमित शाह ने कहा कि “जनता का बहुमत हम पर भरोसे की मुहर है, न कि तानाशाही की।”
विपक्षी दलों का समर्थन संसद में भिड़े अमित शाह और अखिलेश यादव
बहस के बाद कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने भी अखिलेश यादव के बयान का समर्थन किया और सरकार से जवाब मांगा।