Pak Afghan Border Conflict: बरमाचा बॉर्डर पर पाक और अफगान सेना फिर आमने-सामने, टैंकों से दागे जा रहे गोले

Pak Afghan Border Conflict

नई दिल्ली: पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच एक बार फिर हिंसक झड़प हुई। यह झड़प अफगानिस्तान के (Pak Afghan Border Conflict) बरमाचा सीमा क्षेत्र में हुई, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के समानांतर स्थित है। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह विवाद सीमा पर नई सैन्य चौकियों के निर्माण को लेकर भड़का।

बरमाचा में गोलीबारी: क्या है पूरा मामला?- Pak Afghan Border Conflict

सुबह शुरू हुई गोलीबारी कुछ समय के लिए थम गई थी, लेकिन दोपहर बाद स्थिति फिर बिगड़ गई। पाकिस्तान स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार, दोपहर 4:30 बजे के बाद दोनों पक्षों ने फिर से भारी गोलीबारी शुरू कर दी। अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत के अंतरिम प्रशासन ने भी इस झड़प की पुष्टि की। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने टैंक तैनात किए और अफगान सीमा पर बनी चौकियों को भारी तोपखाने से निशाना बनाया।

यह क्षेत्र पहले भी कई बार हिंसक झड़पों का गवाह रहा है। बरमाचा, जो अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत का हिस्सा है, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह इलाका डूरंड लाइन के पास स्थित है, जो दोनों देशों के बीच सीमा को चिह्नित करती है। डूरंड लाइन को लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है, और सीमा पर चौकियों का निर्माण इस तनाव को और बढ़ाता है।

TTP और अफगान तालिबान की भूमिका- Pak Afghan Border Conflict

पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच संबंध अब कट्टर दुश्मनी में बदल चुके हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जो अफगान तालिबान का समर्थक माना जाता है, पाकिस्तान के खिलाफ लगातार हमले कर रहा है। TTP ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान की सैन्य चौकियों पर कब्जा करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

लगभग पांच महीने पहले, खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले के सालारजई क्षेत्र में TTP ने एक सैन्य बेस पर कब्जा कर लिया था और वहां अपना झंडा फहराया था। इसके बाद, 28 दिसंबर 2024 को अफगान तालिबान और TTP ने मिलकर पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों पर हमला किया। इस हमले में 19 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर आई, जिसने पाकिस्तान सरकार को हिलाकर रख दिया।

TTP की बढ़ती गतिविधियां और अफगान तालिबान का समर्थन पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। यह आतंकी संगठन न केवल पाकिस्तानी सेना की चौकियों को निशाना बना रहा है, बल्कि सीमा पर अस्थिरता को भी बढ़ा रहा है।

सीमा पर तनाव के कारण- Pak Afghan Border Conflict

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव का प्रमुख कारण डूरंड लाइन पर सीमा बाड़ और चौकियों का निर्माण है। पाकिस्तान ने 2005 में इस सीमा पर 2,611 किलोमीटर लंबी बाड़ लगाने की योजना बनाई थी, जिसका उद्देश्य आतंकियों और तस्करों की घुसपैठ को रोकना था। हालांकि, अफगानिस्तान ने इस बाड़ को कभी स्वीकार नहीं किया और इसे अपनी संप्रभुता पर हमला माना।

हाल के वर्षों में, दोनों देशों के बीच सीमा पर कई बार गोलीबारी और हिंसक झड़पें हो चुकी हैं। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (SATP) के आंकड़ों के अनुसार, 2007 से अब तक कम से कम 21 ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें 56 लोग मारे गए हैं। इनमें से अधिकांश पाकिस्तानी सैनिक और नागरिक थे।

वर्तमान स्थिति और प्रभाव- Pak Afghan Border Conflict

बरमाचा में गुरुवार की झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। हेलमंद प्रांत के स्थानीय निवासियों ने बताया कि गोलीबारी के कारण कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर गए। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अपनी सीमा पर सैन्य उपस्थिति को और मजबूत कर लिया है।

इस संघर्ष का असर क्षेत्रीय व्यापार पर भी पड़ रहा है। टोरखम और चमन जैसे प्रमुख सीमा क्रॉसिंग पॉइंट्स पहले ही कई बार बंद हो चुके हैं, जिससे अफगानिस्तान में खाद्य और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति प्रभावित हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान में लाखों लोग भुखमरी के कगार पर हैं, और सीमा बंद होने से यह संकट और गहरा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से सैन्य संयम बरतने की अपील की है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर क्षेत्र में शांति और स्थिरता की वकालत की।

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सोर्स- AAJTAK

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