Iran-Israel Conflict: नौवें दिन तेल अवीव और हाइफा पर हमले, ईरानी यूएवी कमांडर मारा गया

Iran-Israel Conflict

Iran-Israel Conflict: 21 जून, 2025 को ईरान और इजरायल के बीच युद्ध अपने नौवें दिन में प्रवेश कर चुका है, और शांति की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। ईरान ने तेल अवीव और हाइफा पर मिसाइल हमले किए, जबकि इजरायल ने ईरान के एक यूएवी कमांडर को मार गिराया और इस्फहान के परमाणु अनुसंधान केंद्र पर हमला किया।

तेल अवीव पर ईरानी हमला- Iran-Israel Conflict

20 जून, 2025 को ईरान ने तेल अवीव, बीरशेबा और हाइफा पर करीब 20 बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट्स दागे। तेल अवीव में सायरन बजने से लोग आश्रयों की ओर भागे। इजरायल के आयरन डोम और एरो मिसाइल रक्षा प्रणालियों ने कई मिसाइलों को रोका, लेकिन कुछ रक्षा तंत्र को भेदने में सफल रहीं। तेल अवीव में एक आवासीय इमारत की छत पर आग लग गई, जिसे अग्निशमन दल ने नियंत्रित किया। रमात गान में एक सरकारी कार्यालय वाली इमारत को नुकसान पहुंचा, और 15 लोग मामूली रूप से घायल हुए।

हाइफा, जो एक प्रमुख बंदरगाह और नौसैनिक अड्डा है, में एक ऐतिहासिक मस्जिद को नुकसान पहुंचा। विदेश मंत्री गिदोन सार ने ईरान पर हमले का आरोप लगाते हुए कहा, “ईरान की आक्रामकता उनकी कूटनीति की कमी को दर्शाती है।” ईरानी मीडिया ने दावा किया कि हमले इजरायल के सैन्य ठिकानों और कमांड सेंटरों पर केंद्रित थे।

इजरायल का जवाबी हमला

इजरायल ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पश्चिमी ईरान में मिसाइल लॉन्च साइट्स और खुजस्तान में हवाई रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया गया। इस्फहान में, जहां ईरान का प्रमुख परमाणु अनुसंधान केंद्र है, विस्फोटों की खबरें आईं, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई। इजरायल ने ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के ड्रोन कमांडर रजा मूसवी को मार गिराया, जो अहवाज से हमलों के लिए जिम्मेदार था।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हम ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देंगे।” इजरायल का लक्ष्य ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को नष्ट करना है।

परमाणु विवाद

ईरान का परमाणु कार्यक्रम इस संघर्ष का केंद्र है। इजरायल का दावा है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है, जबकि तेहरान इसे शांतिपूर्ण बताता है। एक ईरानी अधिकारी ने यूरेनियम संवर्धन की सीमा पर चर्चा की इच्छा जताई, लेकिन इसे पूरी तरह बंद करने से इनकार किया। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल ने चेतावनी दी कि वह तब तक हमले जारी रखेगा जब तक परमाणु खतरा खत्म नहीं हो जाता। ईरान ने अमेरिका की संभावित भागीदारी पर चिंता जताई, जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ने दो हफ्तों में निर्णय लेने की बात कही।

इन हमलों से दोनों देशों में नुकसान हुआ है। इजरायल में दर्जनों लोग घायल हुए, और स्कूल व अस्पताल बंद हुए। ईरान में नागरिक हताहत हुए, जिससे तनाव बढ़ा। ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने इजरायल की रक्षा प्रणालियों पर दबाव डाला है। क्षेत्रीय देशों जैसे कतर और जॉर्डन की भागीदारी ने स्थिति को जटिल किया है।

यह संघर्ष अभी थमने के आसार नहीं दिखाता। कूटनीतिक प्रयास विफल रहे हैं, और दोनों देश अपनी सैन्य रणनीतियों पर अड़े हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने युद्ध को रोकने और परमाणु विवाद को सुलझाने की चुनौती है। तेल अवीव और तेहरान में तनाव बना हुआ है, और दुनिया इस संकट पर नजर रखे हुए है।

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