India Afghanistan Relations: भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि दोस्ती सिर्फ सत्ता या राजनीति से नहीं, बल्कि इंसानियत से निभाई जाती है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भी भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत दिखाई दे रहे हैं।

अफगानिस्तान के मंत्री लगातार भारत का दौरा
अफगानिस्तान के कई बड़े मंत्री और उच्च अधिकारी लगातार भारत का दौरा कर रहे हैं। इन दौरों का मकसद केवल राजनीतिक बैठकें नहीं, बल्कि विकास, मदद और अफगानिस्तान के आम लोगों के लिए सहयोग सुनिश्चित करना है। भारत ने सभी क्षेत्रों में सहायता और मानवीय मदद जारी रखी है, जिससे अफगानिस्तान में आम लोगों का जीवन आसान बन सके।
तालिबान के बावजूद सहयोग जारी
तालिबान शासन के बावजूद भारत अफगानिस्तान के साथ अपने मजबूत रिश्तों को कायम रखने में जुटा है। भारत ने राहत कार्यों, स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सहायता के जरिए अफगानिस्तान को संकट के इस दौर में सहारा दिया है।
पड़ोसी देशों की चिंता
भारत-अफगानिस्तान के बढ़ते सहयोग को लेकर पड़ोसी पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर भारत और तालिबान के मधुर रिश्तों की तस्वीरें देखकर आश्चर्यचकित हैं। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति से ऊपर उठकर इंसानियत के आधार पर दोस्ती निभाई जा सकती है।
मानवीय दृष्टिकोण और रणनीति
भारत का यह कदम केवल कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवीय दृष्टिकोण और क्षेत्रीय स्थिरता का परिचायक भी है। अफगानिस्तान के नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भारत निरंतर पहल कर रहा है।इस तरह, भारत ने साबित कर दिया है कि कठिन परिस्थितियों में दोस्ती निभाना और मजबूत करना ही असली कूटनीतिक ताकत है।
