भारत-अमेरिका रिश्तों में नया मोड़ – डोनाल्ड ट्रंप, जो हाल ही में भारत को लेकर तल्ख तेवर दिखा रहे थे, अब अचानक से नरम पड़ते नज़र आ रहे हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? क्या वैश्विक राजनीति के दबाव हैं या फिर ट्रंप के घरेलू हित इसमें छिपे हुए हैं? आइए जानते हैं उन 7 वजहों के बारे में, जिनकी वजह से ट्रंप का रुख भारत के प्रति बदला।
1. चीन पर दबाव बनाने की रणनीति
ट्रंप हमेशा से चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते रहे हैं। भारत चीन का सबसे बड़ा पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी है। ऐसे में ट्रंप को एहसास है कि भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाना ही चीन पर दबाव बनाने का सबसे आसान तरीका है।
2. आर्थिक साझेदारी और निवेश
भारत अमेरिका के लिए एक बड़ा मार्केट है। ट्रंप जानते हैं कि भारत की डिजिटल और मैन्युफैक्चरिंग पावर अमेरिकी कंपनियों के लिए सुनहरा अवसर है। भारत में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देना उनकी आर्थिक रणनीति का हिस्सा है।
3. रक्षा सौदे और टेक्नोलॉजी
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। भारत के साथ अरबों डॉलर के हथियार और तकनीकी समझौते ट्रंप के लिए आर्थिक लाभ का बड़ा स्रोत हैं। यही कारण है कि वे भारत के साथ रिश्तों को खराब नहीं करना चाहते।
4. भारतीय मूल के वोटर का दबाव
अमेरिका में भारतीय मूल की आबादी तेजी से प्रभावशाली हो रही है। ट्रंप को आने वाले चुनावों में भारतीय मूल के वोटरों का समर्थन चाहिए। यही वजह है कि भारत विरोधी बयानबाज़ी से उन्होंने दूरी बना ली है।
5. वैश्विक कूटनीति और सहयोग
भारत जी-20, ब्रिक्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अहम भूमिका निभा रहा है। ट्रंप को समझ आ चुका है कि भारत की अनदेखी करने से अमेरिका की वैश्विक स्थिति कमजोर हो सकती है। इसलिए उन्होंने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने का निर्णय लिया।
6. सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी
भारत आतंकवाद से लगातार जूझ रहा है। अमेरिका के लिए यह जरूरी है कि वह भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ रणनीति बनाए। यही कारण है कि ट्रंप ने भारत के साथ सुरक्षा और खुफिया साझेदारी को मजबूत करने का संकेत दिया है।
7. भारत की बढ़ती साख और छवि
भारत आज सिर्फ दक्षिण एशिया ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है। आईटी, स्टार्टअप और अंतरिक्ष तकनीक में भारत की उपलब्धियां अमेरिका के लिए सहयोग का नया अवसर हैं। ट्रंप समझते हैं कि भारत से दूरी बनाना उनके लिए घाटे का सौदा होगा।
भारत-अमेरिका रिश्तों में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है। लेकिन ट्रंप का यह यू-टर्न दर्शाता है कि भारत की ताकत और वैश्विक महत्ता आज इतनी बढ़ चुकी है कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत भी इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और कूटनीति में और मजबूती देखने को मिलेगी।