सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि , शिव जी की संध्या पूजा कैसे करें | Shiv Puja Vidhi in Sawan

सावन के चौथे सोमवार की शाम ऐसे करें शिव पूजा – पूरी विधि और मंत्र

Shiv Puja Vidhi in Sawan- सावन का चौथा सोमवार शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। कहते हैं, इस समय की गई पूजा से जीवन की सारी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।


प्रदोष काल में पूजा का महत्व: सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

प्रदोष काल, सूर्यास्त से ठीक पहले का समय होता है जो शिव पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है।
इस बार प्रदोष काल का समय: शाम 6:30 बजे से 8:30 बजे तक (स्थानीय पंचांग अनुसार)


शिव पूजा के लिए आवश्यक सामग्री: सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • गंगाजल या शुद्ध जल
  • बेलपत्र (त्रिदल)
  • दूध, दही, घी, शहद, शक्कर (पंचामृत)
  • चावल, सफेद पुष्प, भस्म, चंदन
  • धूप, दीप, कपूर
  • मिठाई, फल, नारियल
  • रुद्राक्ष की माला (जाप के लिए)

🙏 शाम की पूजा विधि (Step-by-Step Shiv Puja Vidhi):

1. शुद्धता और स्थान तैयार करें: सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • सबसे पहले स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थान पर शिवलिंग या शिवजी की तस्वीर स्थापित करें।

2. दीप प्रज्वलन और ध्यान: सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • एक दीपक जलाकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के साथ शिव जी का ध्यान करें।

3. अभिषेक करें (जल व पंचामृत से):सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • शिवलिंग पर सबसे पहले शुद्ध जल चढ़ाएं।
  • फिर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें।
  • अंत में फिर से शुद्ध जल से स्नान कराएं।

4. बेलपत्र और पुष्प अर्पण: सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें (त्रिदल वाले बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखना श्रेष्ठ माना जाता है)।
  • सफेद फूल, चंदन और भस्म भी अर्पित करें।

5. मंत्र जाप और पाठ:सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • मूल मंत्र: ॐ नमः शिवाय — 108 बार जाप करें।
  • चाहें तो महामृत्युंजय मंत्र या रुद्राष्टक का पाठ करें।

6. आरती करें:सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • शिवजी की आरती करें:

“ॐ जय शिव ओंकारा, हर ॐ जय शिव ओंकारा…”

7. प्रसाद वितरण और समापन:सावन के चौथे सोमवार की पूजा विधि

  • पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और अंत में शिवजी से अपने जीवन की समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें।

महामृत्युंजय मंत्र (जप के लिए):

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥


शाम को विशेष उपाय करें:

  • शिव जी को सफेद मिष्ठान (रसगुल्ला/पेड़ा) अर्पित करें।
  • जरूरतमंद को भोजन या दूध दान करें।
  • मंदिर जाकर दीप दान करना भी शुभ माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *