नई दिल्ली: भारतीय सेना ने 7 मई को सुबह 1:30 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत (JeM LeT TERRORISTS KILLED) पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर एक साथ हमला किया. यह कार्रवाई हालिया आतंकी हमलों के जवाब में की गई थी और इसमें लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के कई शीर्ष आतंकी मारे गए. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की संभावना है.
हमले में मारे गए पांच खतरनाक आतंकी (JeM LeT TERRORISTS KILLED)
1- मुदस्सर खादियान खास उर्फ अबू जुंदाल
मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर मरकज तैयबा का प्रभारी मुदस्सर खादियान खास पाकिस्तान के लिए विशेष महत्व रखता था. उसकी मौत के बाद पाकिस्तानी सेना ने उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया और नमाज एक सरकारी स्कूल में पढ़ी गई, जिसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी शामिल हुए. यह इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकियों को खुलेआम सम्मान देती है.
2- हाफिज मुहम्मद जमील
जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हाफिज मुहम्मद जमील, मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था. वह बहावलपुर में स्थित मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था. वह युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें फिदायीन बनाता और संगठन के लिए फंड जुटाता था. भारतीय सेना ने उसके ठिकाने को ऑपरेशन सिंदूर में पूरी तरह तबाह कर दिया.
3- मोहम्मद यूसुफ अजहर
यूसुफ अजहर, जिसे उस्ताद जी और मोहम्मद सलीम के नाम से भी जाना जाता था, IC-814 विमान अपहरण कांड में भारत का वांछित आतंकवादी था. वह जैश के लिए हथियार प्रशिक्षण की जिम्मेदारी संभालता था और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की योजना बनाता था. उसकी मौत से जैश को गहरा झटका लगा है.
4- खालिद उर्फ अबू अकाशा
लश्कर का यह आतंकी जम्मू-कश्मीर में कई हमलों में संलिप्त रहा था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में भी भूमिका निभाता था. उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए.
5- मोहम्मद हसन खान
जैश का यह ऑपरेशनल कमांडर, मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था. वह पीओके से भारत में हमलों के समन्वयन में सक्रिय भूमिका निभाता था. उसकी मौत जैश की कमांड संरचना के लिए बड़ा झटका है.
एयर स्ट्राइक के निशाने पर कौन-कौन से आतंकी ठिकाने थे?
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने कुल 9 लोकेशन पर 24 से अधिक हमले किए. इनमें चार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में और पांच पीओके में स्थित थे.
पाकिस्तान में निशाने पर रहे स्थान:–
- बहावलपुर का जैश मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह
- मुरीदके का लश्कर मुख्यालय मरकज तैयबा
- सियालकोट का जैश कैंप सरजल
- हिजबुल का महमूना कैंप
पीओके में नष्ट किए गए शिविर:–
- कोटली का बॉम्बर कैंप
- गुलपुर कैंप
- मुजफ्फराबाद का सवाई कैंप
- जैश का बिलाल कैंप
- भीमबेर का बरनाला टेरर कैंप
पाकिस्तान की दोहरी नीति उजागर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह से पाकिस्तान के सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी मारे गए आतंकियों के जनाजों में शामिल हुए, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान का दावा कि वह आतंक का समर्थन नहीं करता—पूरी तरह से झूठा है. यह कार्रवाई भारत के लिए सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि कूटनीतिक जीत भी है.