आंध्र प्रदेश। चक्रवात ‘मोंथा (Cyclone Montha)’ एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होकर मंगलवार को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट से टकरा गया। मौसम विभाग ने बुधवार तड़के पुष्टि की कि तूफान ने आंध्र प्रदेश और यानम तटों को पार कर लिया है।

चक्रवात के असर से ओडिशा और आंध्र प्रदेश के 15 जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में ताड़ का पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई। शुरुआती आकलन के मुताबिक, 38,000 हेक्टेयर फसलें और 1.38 लाख हेक्टेयर बागान पूरी तरह तबाह हो गए हैं।

राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों में 219 चिकित्सा शिविर और 865 टन पशु चारे की व्यवस्था की है। अब तक 76,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। प्रशासन ने मंगलवार रात 8:30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक कृष्णा, एलुरु और काकीनाडा जिलों में वाहनों की आवाजाही रोकने का आदेश दिया था। आपातकालीन मेडिकल सेवाओं को छूट दी गई।

चक्रवात के चलते भारतीय रेलवे ने 120 ट्रेनें रद्द कीं, जबकि विशाखापत्तनम एयरपोर्ट की 32 और विजयवाड़ा की 16 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और यानम में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है।
ओडिशा में भी ‘मोंथा’ के कारण मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर जिलों में भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर भूस्खलन, पेड़ उखड़ने और सड़कों के बंद होने की सूचना है। प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं और कहा है कि तूफान के गुजरने के बाद नुकसान का पूरा आकलन किया जाएगा।
