नई दिल्ली- बॉलीवुड के बहुआयामी कलाकार किशोर कुमार की आज 96वीं जयंती है। वे न केवल एक महान पार्श्वगायक थे, बल्कि एक उम्दा अभिनेता, निर्माता, निर्देशक और संगीतकार भी थे। उनकी गायकी में जो आत्मा थी, वह हर पीढ़ी को छूती रही है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म ‘नमक हलाल’ का मशहूर गीत ‘पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी’ गाने के लिए किशोर दा को कई रातों तक नींद नहीं आई थी?
जब भक्तिरस में भीग गया डिस्को किशोर कुमार की 96वीं जयंती
यह गाना एक अलग ही प्रयोग था — इसमें भक्ति रस, शुद्ध शास्त्रीय संगीत, और डिस्को बीट्स का मेल था। इसे लिखा था राही मासूम रज़ा ने, और संगीतबद्ध किया था बप्पी लाहिड़ी ने। इसे फिल्माया गया था अमिताभ बच्चन पर, और आवाज़ दी थी — किशोर कुमार ने।😰 “बप्पी, ये आसान नहीं है…”जब बप्पी लाहिड़ी ने किशोर कुमार को यह गीत सुनाया तो उन्होंने कहा था“बप्पी, ये आसान नहीं है। लेकिन मैं इस गाने की आत्मा को पकड़ने की कोशिश करूंगा।”इसके बाद किशोर कुमार ने लगातार तीन दिन तक इस गाने की रिहर्सल की। वो हर शब्द को समझना चाहते थे — ‘मीरा की भक्ति’, ‘घुंघरू की थाप’, ‘डिस्को की मस्ती’ — सबकुछ एक ही सुर में पिरोना था।
स्टूडियो में सन्नाटा, आंखों में नमी किशोर कुमार की 96वीं जयंती
जब रिकॉर्डिंग पूरी हुई, तो स्टूडियो में मौजूद हर शख्स सन्न रह गया। बप्पी लाहिड़ी ने बाद में बताया था कि उस परफॉर्मेंस में “एक दिव्यता” थी। किशोर कुमार की आवाज़ में सिर्फ गीत नहीं, मीरा की आत्मा बोल रही थी।
एक आवाज़ जो कभी नहीं रुकी किशोर कुमार की 96वीं जयंती
किशोर कुमार ने अपने करियर में 2500 से अधिक गाने गाए, लेकिन ‘पग घुंघरू’ को वह खुद भी अपनी सबसे चुनौतीपूर्ण प्रस्तुतियों में से एक मानते थे। आज भी जब ये गीत बजता है, तो हर संगीत प्रेमी एक पल को ठहर जाता है।
जयंती विशेष: किशोर दा को हमारा नमन किशोर कुमार की 96वीं जयंती
आज उनकी 96वीं जयंती पर यह याद दिलाना ज़रूरी है कि किशोर कुमार सिर्फ एक गायक नहीं थे, वो संगीत की आत्मा थे। ‘पग घुंघरू’ गीत उनकी संगीत साधना, समर्पण और कला के प्रति जुनून का साक्षात प्रमाण है।