उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: ओवैसी ने जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को किया समर्थन

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: ओवैसी ने जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को किया समर्थन

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव 2025 में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारत के प्रमुख राजनीतिक नेता और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने INDIA गठबंधन के प्रत्याशी जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को खुलकर समर्थन दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जस्टिस सुदर्शन रेड्डी एक निष्पक्ष और अनुभवी न्यायाधीश हैं, जो उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों और नेताओं को उनके निर्णय में बाधा नहीं डालनी चाहिए, बल्कि देशहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।

जस्टिस सुदर्शन रेड्डी का परिचय

जस्टिस सुदर्शन रेड्डी लंबे समय तक भारतीय न्यायपालिका में सेवा दे चुके हैं। उनका निष्पक्ष और पारदर्शी निर्णय लेने का रिकॉर्ड उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त बनाता है। उनकी नियुक्ति पर INDIA गठबंधन ने भरोसा जताया है और उन्हें चुनाव में उतारा है।

चुनावी स्थिति और संभावनाएँ

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में आमतौर पर संसद के दोनों सदनों के सदस्य मतदान करते हैं। इस बार का चुनाव कई मायनों में अहम माना जा रहा है क्योंकि यह राजनीतिक दलों के गठजोड़ और उनकी शक्ति संतुलन को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ओवैसी का समर्थन जस्टिस सुदर्शन रेड्डी की जीत की संभावनाओं को बढ़ा सकता है, खासकर उन मतदाताओं के बीच जो समावेशी और निष्पक्ष नेतृत्व की तलाश में हैं।

INDIA गठबंधन का दृष्टिकोण

INDIA गठबंधन ने चुनावी रणनीति को लेकर स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य एक निष्पक्ष और अनुभवी उपराष्ट्रपति का चुनाव सुनिश्चित करना है। जस्टिस सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सभी गठबंधन दलों ने सहमति जताई है और चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओवैसी का समर्थन चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। AIMIM के प्रभाव और उनके समर्थक नेताओं की संख्या को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को एक मजबूत समर्थन मिलेगा।साथ ही, विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया और उनके रणनीतिक कदम भी इस चुनाव को और रोचक बना सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में जस्टिस सुदर्शन रेड्डी का नाम INDIA गठबंधन के प्रमुख प्रत्याशी के रूप में सामने आया है, और ओवैसी का समर्थन इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना रहा है। देशभर की निगाहें अब इस चुनाव पर टिकी हुई हैं, और राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ आगामी दिनों में चर्चा का विषय बनी रहेंगी।

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