नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों टमाटर की कीमतों ने आम आदमी की जेब पर सीधा हमला बोला है। मंडियों और खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमतें 85 से 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी हैं, जिससे रसोई का बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है।
क्या हैं टमाटर महंगे होने की वजहें? टमाटर की कीमतों का हाहाकार
कृषि विशेषज्ञों और व्यापारियों के मुताबिक, इस बार कई राज्यों में बारिश की मार और फसल खराब होने से सप्लाई में भारी कमी आई है। खासकर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के उत्पादन क्षेत्रों में फसलें या तो बरसात में खराब हो गईं या समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पाईं।दिल्ली की आजादपुर मंडी में थोक व्यापारी बताते हैं कि जहां पहले रोजाना 800-1000 टन टमाटर आता था, वहीं अब मात्रा घटकर 300-400 टन रह गई है।
खुदरा बाजार में क्या हाल? टमाटर की कीमतों का हाहाकार
दिल्ली के लाजपत नगर, कृष्णा नगर, करोल बाग और द्वारका जैसे क्षेत्रों में दुकानदार टमाटर 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक बेच रहे हैं।ऑनलाइन ग्रॉसरी ऐप्स पर भी टमाटर के दाम 100 रुपये किलो तक दिखाई दे रहे हैं।
क्या कहते हैं उपभोक्ता? टमाटर की कीमतों का हाहाकार
“अब हर सब्जी में टमाटर डालना छोड़ दिया है। दाल और सब्जी का स्वाद तो बिगड़ ही रहा है, लेकिन क्या करें?”वहीं एक होटल संचालक ने कहा –“हमें हर रोज़ टनों टमाटर की ज़रूरत होती है। अब मेन्यू बदलने की नौबत आ गई है।”
क्या है सरकार की तैयारी?टमाटर की कीमतों का हाहाकार
उपभोक्ता मंत्रालय ने कुछ राज्यों में एनसीसीएफ और नेफेड के ज़रिए टमाटर को सब्सिडी रेट पर बेचने की योजना दोबारा शुरू करने की बात कही है। इसके अलावा टमाटर की खरीद को लेकर ट्रांजिट सपोर्ट बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है।