भारतीय राजनीति और कानून के जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के पति, वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का आज (4 दिसंबर 2025) निधन हो गया। 73 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल्ली बीजेपी ने उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए कहा कि देश ने एक सच्चे, सरल और सिद्धांतवादी प्रशासक को खो दिया है।

स्वराज कौशल भारतीय न्याय व्यवस्था और राजनीतिक इतिहास में एक सम्मानित नाम रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में लंबे समय तक कार्यरत रहे। उनकी कानूनी समझ, तेज निर्णय क्षमता और राष्ट्रहित के मुद्दों पर स्पष्ट विचारधारा उन्हें देश के प्रतिष्ठित विधि विशेषज्ञों की श्रेणी में रखती थी।
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल रहे थे स्वराज कौशल
200 किलोमीटर लंबे विद्रोही संघर्ष को शांत कराने और मिजोरम में शांति बहाली के लिए वे 1970–80 के दशक में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। उनकी सूझबूझ और प्रशासनिक दक्षता के कारण 1990 में उन्हें मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उस समय वे देश के सबसे युवा राज्यपालों में شمار हुए।
सार्वजनिक जीवन में सरलता और ईमानदारी की मिसाल
सार्वजनिक जीवन में स्वराज कौशल की पहचान हमेशा सौम्य, ईमानदार और जनहित के लिए प्रतिबद्ध नेता के रूप में रही। उनकी पत्नी सुषमा स्वराज के कार्यकाल के दौरान भी वे एक सशक्त लेकिन शांत सलाहकार की भूमिका में रहे। राजनीतिक जीवन से जुड़ी तमाम जटिल परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कभी भी सार्वजनिक मर्यादा और नैतिकता से समझौता नहीं किया।
आज होगा अंतिम संस्कार
दिल्ली बीजेपी के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा। अनेक वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री, न्याय जगत के दिग्गज और परिवार के करीबी लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचेंगे।देश भर में सोशल मीडिया पर लोग उनकी सरलता, सेवा और विनम्रता को याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। स्वराज कौशल का यूं अचानक जाना राजनीतिक और विधिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
