नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देशभर में आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। आदेश के तहत राज्यों को पर्याप्त डॉग शेल्टर होम, नसबंदी सेंटर और वैक्सीनेशन सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन दिल्ली-NCR में हालात यह हैं कि न तो पर्याप्त शेल्टर हाउस मौजूद हैं और न ही नसबंदी सेंटरों की संख्या जरूरत के मुताबिक है।

दिल्ली में शेल्टर हाउस की कमी न डॉग शेल्टर, न पर्याप्त नसबंदी सेंटर
नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कुल पंजीकृत डॉग शेल्टर की संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है। वहीं हजारों की संख्या में आवारा कुत्ते शहर की सड़कों पर घूमते हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा और स्वच्छता दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।
NCR में स्थिति और बदतर न डॉग शेल्टर, न पर्याप्त नसबंदी सेंटर
गुरुग्राम, नोएडा, गाज़ियाबाद और फरीदाबाद में शेल्टर और नसबंदी सेंटर की उपलब्धता बेहद सीमित है। स्थानीय निकाय बजट की कमी और संसाधनों के अभाव का हवाला देकर बड़े स्तर पर कार्य करने से बचते रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय न डॉग शेल्टर, न पर्याप्त नसबंदी सेंटर
पशु कल्याण से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हर जिले में पर्याप्त शेल्टर होम और नसबंदी सेंटर स्थापित नहीं किए जाते, तब तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का प्रभावी पालन संभव नहीं है। साथ ही, वैक्सीनेशन कैंप और जागरूकता अभियान भी जरूरी हैं।
सरकार की चुनौती न डॉग शेल्टर, न पर्याप्त नसबंदी सेंटर
दिल्ली-NCR प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि सीमित संसाधनों के बीच कोर्ट के आदेश को कैसे लागू किया जाए। सूत्रों के मुताबिक, आगामी नगर निगम बैठकों में इस पर विस्तृत योजना पेश की जा सकती है।