Bihar band aaj NDA : बिहार बंद आज — NDA का प्रदर्शन और रविशंकर प्रसाद की प्रतिक्रिया

Bihar band aaj NDA

Bihar band aaj NDA ; 4 सितंबर 2025 को बिहार में एनडीए (NDA) ने पांच घंटे का बिहार बंद बुलाया। यह विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत माता के खिलाफ महागठबंधन के किसी मंच पर कही गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ था। इस बंद का नेतृत्व भाजपा महिला मोर्चा और एनडीए की अन्य समर्थक महिलाओं ने किया। इसमें मुख्य भूमिका भाजपा नेता एवं केंद्रीय सांसद रविशंकर प्रसाद ने निभाई, जिन्होंने प्रतिरोध के स्वर में तीखी टिप्पणियाँ कीं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे—बंद का असर, प्रशासनिक प्रतिबिंब, रविशंकर प्रसाद का बयान, और राजनीतिक पटल पर इसकी गूंज।

1. बंद का ऐलान और उद्देश्य

  • एनडीए ने 4 सितंबर 2025, सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक का बिहार बंद बुलाया। इसका उद्देश्य था—प्रमोद की मां के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर विरोध जताना।
  • बंद के नेतृत्व में शामिल थे—भाजपा महिला मोर्चा, जदयू महिला मोर्चा, लोजपा (रा.), हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा), राष्ट्रीय लोक मोर्चा की महिलाएं।

2. बंद के दौरान क्या खुला और बंद रहा

  • आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाएं नियमित रहीं; परंतु स्कूल, कार्यालय और परिवहन सेवाओं में व्यापक व्यवधान रहा।

3. बंद का प्रभाव और प्रदर्शन

“बिहार बंद आज NDA ;

  • पटना, गया जैसे प्रमुख शहरों में सड़क जाम और प्रदर्शन देखे गए। कई जगहों पर ट्रेन रोकी गई, शॉपिंग और सार्वजनिक गतिविधियाँ ठप रहीं।
  • दानापुर में आगजनी की घटनाएं हुईं; बाजार और चौराहों पर उसका असर रहा।

4. रविशंकर प्रसाद का तीखा बयान

Bihar band aaj NDA
  • भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस बंद के माध्यम से विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर रहा है।
  • उनका सवाल था—“जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तब विपक्ष क्यों प्रदर्शन कर रहा है? क्या उनका उद्देश्य अवैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट में बनाए रखना है?”
  • उन्होंने मतदाता सूची की पारदर्शिता की बात की और कहा कि अधिकांश लोग स्वयं मतदाता सूची में अपना विवरण अपडेट कर चुके हैं।
  • एक अन्य मौके पर उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि क्या वे चाहते हैं “घुसपैठिए” मतदाता सूची में बने रहें—जिससे यह सवाल राजनीति निर्माण का हिस्सा है।

5. प्रतिपक्ष की प्रतिक्रिया और बयानबाजी

  • तेजस्वी यादव ने इस घटना की निंदा की, कहा कि मां के खिलाफ अपमान अस्वीकार्य है और व्यक्तिगत हमले लोकतांत्रिक परिधि पर हावी नहीं होने चाहिए।
  • हालांकि उनका बयान सीधे इस बंद के संदर्भ में नहीं था, लेकिन भावनात्मक और राजनीतिक प्रतिवाद का हिस्सा बना।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

बंद का महत्व:

  • लोकतांत्रिक चेतना और सम्मान की राजनीति;
  • मुखर विरोध का प्रदर्शन: महिलाएं प्रमुख भूमिका में;
  • आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के प्रक्षेपवक्र पर असर।

प्रशासनिक चुनौतियां:

  • स्कूल, कार्यालय और परिवहन बाधित;
  • लेकिन सेवाओं में चुस्त कार्यक्रम को रक्षा मिली।

राजनीतिक संदेश:

  • रविशंकर प्रसाद का बयान सुप्रीम कोर्ट और चुनावी प्रक्रिया पर विपक्ष के संदेह को रेखांकित करता है;
  • बंद ने विपक्ष के राजनीतिक रणनीतियों पर सवाल खड़े किए।

निष्कर्ष

आज का बिहार बंद एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश था—यह मजबूत, सुनियोजित और NDA का विपक्ष विरोधी प्रदर्शन था। रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर सुप्रीम कोर्ट में मुद्दा विचाराधीन होने के बावजूद सड़क राजनीति करने का आरोप लगाया, जबकि विपक्ष ने विरोध को असंवेदनशील और अपमानजनक घटना के खिलाफ मानवीय और संवैधानिक प्रतिक्रिया बताया।

भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह घटना आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को कैसे प्रभावित करती है—क्या यह NDA को गति देगी, या विपक्ष के लिए प्रतिक्रिया का मंच बनेगी? आपकी राय या प्रतिक्रिया इस विषय पर क्या है? कृपया नीचे टिप्पणी करके साझा करें।

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