बिहार विधानसभा चुनाव 2025: अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सियासी तनाव बढ़ गया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने साफ कहा है कि अगर उनकी पार्टी को कम से कम 15 सीटें नहीं मिलतीं, तो वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।

मांझी ने आरोप लगाया कि उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें सम्मानजनक सीटें मिले ताकि उनकी पार्टी को विधानसभा में आधिकारिक दर्जा दिलाया जा सके। मांझी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘कृष्ण की चेतावनी’ की पंक्तियां साझा कर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने लिखा:“हो न्याय अगर तो आधा दो,
यदि उसमें भी कोई बाधा हो,
तो दे दो केवल ’15’ ग्राम,
रखो अपनी धरती तमाम,
HAM वही खुशी से खाएंगे,
परिजन पे असी ना उठाएंगे।”
मांझी ने यह भी कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर उनका कोई विवाद नहीं है, वे केवल मान्यता प्राप्त सीटों की मांग कर रहे हैं। अगर उन्हें यह नहीं मिली, तो भी HAM NDA के साथ बना रहेगा, लेकिन चुनाव नहीं लड़ेगा।

दरअसल, बिहार विधानसभा में किसी पार्टी को आधिकारिक दर्जा पाने के लिए कुल 243 सीटों का 10% यानी लगभग 24 सीटें होना जरूरी है। वर्तमान में HAM (S) के केवल 4 विधायक हैं, जो कुल सदस्यता का केवल 1.65% बनता है। इस लिहाज से पार्टी अब तक गैर-आधिकारिक श्रेणी में है। मांझी का लक्ष्य पार्टी को आधिकारिक दर्जा दिलाना और विधानमंडल में सम्मानजनक भूमिका सुनिश्चित करना है।बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह सियासी मोड़ और मांझी की चेतावनी NDA के गठबंधन रणनीति को चुनौती दे सकती है।