सीएम योगी का बड़ा फैसला: अब तय समयसीमा में पास होंगे भवन मानचित्र, विकास योजनाओं में आएगी तेजी- YOGI GOVERNMENT

YOGI GOVERNMENT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (YOGI GOVERNMENT) ने राज्य के शहरी विकास कार्यों में तेजी लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक के बाद एक अहम फैसले लिए हैं. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों के मामलों की तत्काल समीक्षा की जाए और एक निश्चित समय सीमा के भीतर उनका निस्तारण किया जाए. मुख्यमंत्री का यह निर्देश एक बड़ी प्रशासनिक पहल मानी जा रही है, जिससे जनता को राहत मिलने की पूरी उम्मीद है.

बार-बार की आपत्ति पर रोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में साफ तौर पर कहा कि भवन मानचित्रों पर बार-बार आपत्तियां जताना गलत है. उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे मामलों को एक ही बार में आपत्तियों के साथ निपटाया जाए और बार-बार फाइलें रोकने की प्रवृत्ति पर रोक लगे. इस आदेश से प्राधिकरणों में कार्यरत कर्मचारियों की जवाबदेही तय होगी और आम नागरिकों को राहत मिलेगी.

GIS आधारित मास्टर प्लान को जल्द अनुमोदित करें
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के नगरों में जीआईएस आधारित मास्टर प्लान को मौजूदा माह की समाप्ति से पहले अनुमोदित कराया जाए. उनका कहना था कि शहरी नियोजन, आवासीय विकास, अधोसंरचना और डिजिटल प्रबंधन के कार्यों को समन्वित दृष्टिकोण से लागू करना अब आवश्यक हो गया है. जीआईएस बेस्ड प्लानिंग से योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी.

सीएम योगी ने विकास प्राधिकरणों दिए निर्देश- (UP GOVERNMENT)

कानपुर, आगरा और लखनऊ मेट्रो को मिलेगी रफ्तार
बैठक में मेट्रो परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर 1 और 2 का कार्य इस वर्ष दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किलोमीटर का अंडरग्राउंड सेक्शन बनकर तैयार हो चुका है. वहीं, आगरा मेट्रो के पहले कॉरिडोर को दिसंबर 2025 तक और दूसरे कॉरिडोर को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. लखनऊ मेट्रो के चारबाग से बसंतकुंज तक के सेक्शन पर कार्य तेजी से चल रहा है. मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार और जेपीएनआईएसी (JPNAIC) को जल्द हस्तांतरित करने के भी निर्देश दिए.

इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनेगा नई पहचान
लखनऊ में 900 करोड़ की लागत से इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कार्य दो वर्षों में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. यह परियोजना 32.50 एकड़ भूमि पर विकसित की जा रही है और मुख्यमंत्री का मानना है कि यह नया सेंटर “नए लखनऊ की पहचान” बनेगा. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य को एक वैश्विक स्तर की प्रदर्शनी और सम्मेलन सुविधा मिलेगी.

यूपी-एससीआर के डीपीआर में नहीं होनी चाहिए देरी
मुख्यमंत्री ने यूपी-एससीआर परियोजना की भी समीक्षा की, जिसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी जैसे जिले शामिल हैं. यह परियोजना कुल 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल को कवर करती है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस परियोजना की डीपीआर की प्रक्रिया में कोई भी देरी न हो और जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार की जाए.

आगामी तीन महीनों की कार्ययोजना भी हुई तय
समीक्षा बैठक में आगामी तीन महीनों की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई. इसमें उत्तर प्रदेश टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम-2025, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025, और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 को लागू करने की प्रक्रिया शामिल है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन नीतियों को धरातल पर उतारने के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस जारी की जाएंगी.

शहरी विस्तार योजना को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने शहरी विस्तार/नए शहर प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अनुमोदित परियोजनाओं को जून 2025 से दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध तरीके से शुरू करने के निर्देश दिए. झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा (ककुआ), कानपुर (न्यू कानपुर सिटी योजना), मथुरा (ट्रांसपोर्ट नगर), मुरादाबाद (डिडौसी), बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, मेरठ और लखनऊ जैसे शहरों को इस योजना में शामिल किया गया है. इन योजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए.

चार महायोजनाएं इसी माह हों अनुमोदित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीआईएस आधारित महायोजना संरचना के अंतर्गत प्रदेश के 59 नगरों की महायोजनाएं तैयार की जा रही हैं, जिनमें से 42 को अनुमोदन मिल चुका है. शेष चार महायोजनाएं—झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ और बहराइच—के अनुमोदन की प्रक्रिया को इसी महीने के भीतर पूरा कर लिया जाए.

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