मेरठ: घूस लेते रंगे हाथ पकड़ी गई दरोगा अमृता यादव बर्खास्त, कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा- MEERUT LADY SUB INSPECTOR

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मेरठ: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में एक बार फिर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है. मेरठ की रिश्वतखोर महिला दरोगा अमृता यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. वर्ष 2017 में बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी प्रभारी रहते हुए 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ी गई. जिसके बाद डीआईजी कलानिधि नैथानी ने अमृता यादव को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं.

दरअसल, साल 2017 में मोदीनगर, गाजियाबाद निवासी समीर ने शिकायत दर्ज कराई थी. समीर ने बताया कि उसकी शादी मेरठ कोतवाली निवासी मजहर से हुई थी, जो विवाह के बाद मायके चली गई और पति समीर पर दहेज उत्पीड़न, बलात्कार सहित कई धाराओं में केस दर्ज कराया. इस केस की जांच महिला दरोगा अमृता यादव को सौंपी गई थी.

20 हजार रुपये में हुई थी डील
जांच के दौरान अमृता यादव ने समीर को फोन कर केस में लगी धाराएं कम करने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की. अंत में 20 हजार रुपये में मामला तय हुआ और समीर से यह रकम बुढाना गेट चौकी पर ही लेने को कहा गया. समीर ने इस रिश्वतखोरी की शिकायत एंटी करप्शन विभाग से कर दी.

रंगेहाथ पकड़ी गई महिला दरोगा
एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और समीर के हाथों सीरियल नंबर अंकित किए गए 2-2 हजार के 10 नोट दरोगा तक पहुंचवाए. जैसे ही दरोगा ने रिश्वत की रकम ली, टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया. इस गिरफ्तारी के बाद विभागीय जांच में भी अमृता यादव को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की गई.

कोर्ट ने सुनाई सजा
सितंबर, 2024 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने अमृता यादव को सात साल की सजा सुनाई थी, साथ ही 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. तब से अमृता यादव बागपत जेल में बंद हैं. अदालत के आदेश और विभागीय रिपोर्ट के आधार पर अब डीआईजी मेरठ रेंज ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है.

पहले भी लगे थे गंभीर आरोप
गौर करने वाली बात यह है कि अमृता यादव पर इससे पहले भी महिला थाने में तैनाती के दौरान रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगे थे. उनके आचरण को लेकर कई शिकायतें अधिकारियों के पास पहुंचीं थीं, लेकिन इस बार वह रंगेहाथों पकड़ी गईं.

कलानिधि नैथानी, डीआईजी, मेरठ

डीआईजी का सख्त संदेश
इस पूरे मामले पर मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कहा कि, “अगर कोई भी पुलिसकर्मी अपराध या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है और अदालत में दोषी सिद्ध होता है, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. कानून व्यवस्था और पुलिस विभाग की गरिमा बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है.”

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