मेरठ हिजाब विवाद: डीआईओएस ने दिए जांच के आदेश, सीसीटीवी की फुटेज भी मंगाई- MEERUT HIJAB ROW

MEERUT HIJAB ROW

मेरठ: खालसा गर्ल्स इंटर कॉलेज में हिजाब (MEERUT HIJAB ROW) पहनकर स्कूल पहुंची छात्रा को एडमिशन से रोकने के मामले में जांच बैठ गई है. डीआईओएस राजेश कुमार ने पूरे मामले का संज्ञान लिया है. उक्त टीचर को पूछताछ के लिए बुलाया है. साथ ही स्कूल के सीसीटीवी फुटेज भी मांगी है. बता दें कि मेरठ के थापर नगर स्थित खालसा गर्ल्स इंटर कॉलेज का एक वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. इसमें छात्रा स्कूल ऑफिस में बैठी है. उसकी एक टीचर से हिजाब पर बहस होती दिख रही है.

छात्रा ने लगाए गंभीर आरोप
छात्रा ने आरोप लगाया कि हिजाब पहनने की वजह से स्कूल प्रशासन ने उसे एडमिशन नहीं दिया. वीडियो में वह स्कूल ऑफिस में बैठी नजर आ रही है, जहां एक टीचर के साथ उसकी बहस हो रही है. छात्रा ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दावा किया कि टीचर ने उसे हिजाब हटाने को कहा था.

हालांकि, स्कूल मैनेजमेंट ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि, “हमारे यहां कई मुस्लिम छात्राएं पढ़ती हैं. सभी के लिए समान नियम हैं. छात्रा को केवल चेहरा दिखाने के लिए कहा गया था, क्योंकि प्रवेश की प्रक्रिया में यह जरूरी होता है. इसे जानबूझकर गलत तरीके से वायरल किया गया है, ताकि स्कूल की छवि को नुकसान पहुंचे.”

डीआईओएस ने दिए जांच के आदेश
जैसे ही यह मामला सामने आया, जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राजेश कुमार ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया है. डीआईओएस ने स्कूल प्रशासन से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है और सीसीटीवी फुटेज भी तलब की गई है ताकि सच सामने आ सके.

राजेश कुमार, डीआईओएस.

राजेश कुमार ने मीडिया को बताया, “मामला एक अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था का है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर जांच समिति गठित की जाएगी. यह भी जांच का विषय है कि जो महिलाएं वीडियो में नजर आ रही हैं वे वास्तव में छात्राएं हैं या नहीं. इस मामले में किसी भी प्रकार की धार्मिक या सामाजिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसके लिए जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी.”

स्कूल का पक्ष
स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि दो महिलाएं बच्चियों का प्रवेश कराने आई थीं. प्रवेश प्रक्रिया के दौरान एक टीचर ने उनसे चेहरा दिखाने का अनुरोध किया, जिससे वे नाराज हो गईं और बहस शुरू हो गई. इसी बहस के दौरान वीडियो बनाया गया और वायरल कर दिया गया. प्रिंसिपल ने आगे कहा, “हमारे यहां हर धर्म और समुदाय की छात्राएं पढ़ती हैं. हिजाब या किसी अन्य धार्मिक प्रतीक से किसी को रोकने का कोई नियम स्कूल में नहीं है. वायरल वीडियो का उद्देश्य केवल गलतफहमी फैलाना है.”

बोर्ड परीक्षा सेंटर भी है खालसा स्कूल
गौरतलब है कि खालसा गर्ल्स इंटर कॉलेज, मेरठ में बोर्ड परीक्षा का सेंटर भी रहता है, ऐसे में इस तरह की घटनाओं का सामने आना शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. जांच अधिकारी इस बात की भी पुष्टि करेंगे कि कहीं यह मामला बोर्ड परीक्षा या किसी अन्य प्रवेश प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए तो नहीं उठाया गया.

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