चमोली/उत्तराखंड़: चारधामों में से एक भगवान विष्णु को समर्पित बदरीनाथ धाम के कपाट (CHARDHAM YATRA 2025) आज प्रातः 6 बजे विधिपूर्वक आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. कपाट खुलते ही बदरीनाथ धाम की यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया. वैदिक मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़ों की ध्वनि और आर्मी बैंड की मधुर धुनों के बीच मंदिर परिसर में भक्तिमय वातावरण बना रहा. बदरीनाथ मंदिर को करीब 15 क्विंटल रंग-बिरंगे फूलों से भव्य रूप से सजाया गया, जिससे इसकी दिव्यता और भव्यता और भी निखर उठी. कपाट खुलने के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिसने इस क्षण को और भी ऐतिहासिक और अद्भुत बना दिया.
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले कपाट
सुबह शुभ मुहूर्त में तीर्थ पुरोहितों द्वारा वेद मंत्रों के साथ बदरीनाथ मंदिर के कपाट (CHARDHAM YATRA 2025) खोले गए. इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी (रावल), धर्माधिकारी, वेदपाठी और अन्य धार्मिक आचार्यों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई. श्रद्धालु “जय बदरी विशाल” और “बदरीनाथ भगवान की जय” के उद्घोष से पूरे क्षेत्र को भक्तिमय कर रहे थे.
विधिविधान से माता लक्ष्मी को गर्भगृह से निकालकर परिक्रमा के पश्चात लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया. इसके पश्चात भगवान कुबेर और उद्धव जी को श्री बदरी विशाल मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया. शुभ घड़ी में भगवान विष्णु की चतुर्भुज मूर्ति को घृत कंबल से हटाकर उनका विधिवत अभिषेक (स्नान) किया गया और श्रृंगार के साथ दर्शन हेतु प्रस्तुत किया गया.

अब अगले छह महीनों तक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के साथ-साथ उद्धव, कुबेर, नारद और नर-नारायण के दिव्य दर्शन कर सकेंगे. इसके साथ ही मुख्य मंदिर के साथ गणेश मंदिर, घंटाकर्ण मंदिर, आदि केदारेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु इस शुभ अवसर का हिस्सा बनने पहुंचे. तीर्थ यात्रियों ने मंदिर की दिव्यता और सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात किया.
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