अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि परिसर में एक बार फिर ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक आयोजन (RAM MANDIR AYODHYA) की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं. राम मंदिर के पहले तल पर 14 मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पूरी योजना तैयार कर ली है. यह आयोजन 3 जून से 5 जून तक गंगा दशहरा के दिन संपन्न होगा और इसे “दूसरा प्राण प्रतिष्ठा उत्सव” कहा जा रहा है.
एक साथ 14 मंदिरों में होगी प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थित राम दरबार सहित अन्य 13 मंदिरों में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस पावन अनुष्ठान में 101 वैदिक आचार्य और 14 यजमान भाग लेंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके लिए अयोध्या और काशी के विद्वानों की एक संयोजक समिति बनाई है, जिसमें ज्योतिषाचार्य प्रवीण शर्मा, पंडित रघुनाथ शास्त्री और राकेश तिवारी शामिल हैं.
धार्मिक अनुष्ठानों की विस्तृत रूपरेखा
3 जून से शुरू होने वाले इस धार्मिक आयोजन में तीन दिन तक धार्मिक अनुष्ठान चलेंगे. इनमें मूर्तियों का जलवास, अन्नवास, सैयावास और अन्य वैदिक विधियों द्वारा पूजन किया जाएगा. 5 जून को गंगा दशहरा के दिन अभिजीत मुहूर्त में सभी मूर्तियों की प्रतिष्ठा विधिवत रूप से संपन्न कराई जाएगी. ट्रस्ट द्वारा तय किए गए मुहूर्तों को लेकर ज्योतिषाचार्यों की अंतिम बैठक हो चुकी है और रिपोर्ट सौंप दी गई है. (RAM MANDIR AYODHYA)
कौन-कौन सी मूर्तियों की होगी प्राण प्रतिष्ठा?
प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा के अलावा अन्य मंदिरों में प्रतिष्ठित की जाने वाली प्रमुख मूर्तियाँ:
- गणपति जी – परकोटा के अग्नि कोण पर,
- गणपति जी – परकोटा के अग्नि कोण पर,
- हनुमान जी – दक्षिणी भुजा के मध्य मंदिर में,
- सूर्य देव – नैऋत्य कोण में स्थित मंदिर में,
- भगवती (मां दुर्गा) – वायव्य कोण मंदिर में,
- अन्नपूर्णा माता – उत्तरी भुजा के मध्य मंदिर में,
- शिवलिंग – ईशान कोण स्थित मंदिर में,
इनके अलावा परिसर में महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या की प्रतिमाएं भी प्रतिष्ठित की जाएंगी.
आयोजन की भव्यता
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए 100 से अधिक विशेष आगंतुकों की सूची तैयार की जा रही है. इसमें संत-महात्माओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के गणमान्य अतिथियों को आमंत्रित किया जा सकता है. ट्रस्ट पूरे कार्यक्रम को अत्यंत श्रद्धा और परंपरा के साथ संपन्न कराने को लेकर प्रतिबद्ध है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया कि यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अयोध्या के लिए ऐतिहासिक होगा. राम मंदिर निर्माण के हर चरण को भक्तों से जोड़ा जा रहा है, ताकि यह केवल एक वास्तु निर्माण नहीं, बल्कि राष्ट्र की आस्था का केंद्र बने.
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