नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना, और पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट को भारत में बंद (pakistan x account) करना शामिल है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक के बाद लिया गया। बैठक का उद्देश्य पहलगाम हमले के जवाब में भारत की रणनीतिक कार्रवाई तय करना था।
कूटनीतिक संबंधों में भारी कटौती
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार शाम एक प्रेस ब्रीफिंग में इन फैसलों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों में तैनात राजनयिकों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया है, जिसे 1 मई तक लागू किया जाएगा।
भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग से सभी रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को भी निष्कासित कर दिया है। इन अधिकारियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित करते हुए एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इसी प्रकार, भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सैन्य सलाहकारों को भी वापस बुलाने का निर्णय लिया है।
सार्क वीजा छूट योजना पर रोक
भारत ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके तहत जारी सभी वीजा अब रद्द कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, अटारी में स्थित भारत-पाकिस्तान के बीच एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग को भी तत्काल बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
सिंधु जल संधि का निलंबन: ऐतिहासिक कदम
भारत का सबसे अहम फैसला 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना रहा, जो अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों के बंटवारे का आधार थी। इस संधि के तहत पाकिस्तान को झेलम, सिंधु और चेनाब नदियों पर विशेष अधिकार दिए गए थे, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज पर नियंत्रण प्राप्त था।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संधि को निलंबित करना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि वहां की कृषि और पेयजल आपूर्ति काफी हद तक इन नदियों पर निर्भर करती है।
पाकिस्तानी नागरिकों को लौटने का निर्देश
भारत ने स्पष्ट किया है कि जो पाकिस्तानी नागरिक वैध दस्तावेजों के साथ भारत में मौजूद हैं, वे 1 मई से पहले तक स्वदेश लौट सकते हैं। इसके बाद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक नई नीति की घोषणा नहीं होती।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
इन निर्णयों के बाद अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर निगाहें टिकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटनाक्रम भारत-पाक संबंधों में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है, जहां भारत अब और अधिक आक्रामक कूटनीति अपनाता दिखाई देगा।