सिंधु जल संधि पर भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव, पाकिस्तान ने दी ‘पूरी ताकत से जवाब’ की चेतावनी- India Pakistan conflict 2025

India Pakistan conflict 2025

नई दिल्लीः पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों तनाव (India Pakistan conflict 2025) बढ़ता जा रहा है. इस हमले के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को खत्म करने का ऐलान कर दिया है, जिससे पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान के पानी को कम करने या मोड़ने की किसी भी कोशिश का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, “हम किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। किसी को इस बारे में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। यह देश 240 मिलियन लोगों का है और हम अपने बहादुर सशस्त्र बलों के पीछे खड़े हैं। हमारा संदेश पूरी तरह साफ और दो टूक होना चाहिए।”

शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि शांति पाकिस्तान की प्राथमिकता है, लेकिन अपनी अखंडता और सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम किसी भी तटस्थ और संवाद प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।”

सिंधु जल संधि पर चेतावनी
सिंधु जल संधि को लेकर शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के हिस्से के पानी को रोकने या मोड़ने की किसी भी कोशिश का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा। उनका कहना था कि पाकिस्तान अपने जल संसाधनों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।

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बिलावल भुट्टो का उग्र बयान
इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी इस मुद्दे पर उग्र बयान दिया है। सिंधु नदी के किनारे सखर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सिंधु दरिया में या तो अब पानी बहेगा, या उनका खून बहेगा जो हमारी हिस्सेदारी छीनना चाहता है। सिंधु दरिया हमारा था, है और रहेगा।”

बिलावल ने आगे कहा कि पाकिस्तान की जनता बहादुर और गैरतमंद है। “हमारे दुश्मन यह न सोचें कि उनकी जनसंख्या ज्यादा है तो वे पानी के अधिकार भी तय करेंगे। पाकिस्तान की फौज और अवाम हर चुनौती का डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं,” उन्होंने कहा।

‘दरिया पर डाका मंज़ूर नहीं’
बिलावल भुट्टो ने सिंधु नदी को पूरे पाकिस्तान की सांझी विरासत बताते हुए देश की जनता से एकजुटता की अपील की। उन्होंने कहा, “दुश्मन की नजरें हमारे पानी पर हैं। पूरे पाकिस्तान को मिलकर इसका जवाब देना होगा। हम दुनिया को सिंधु दरिया का पैगाम देंगे कि दरिया पर डाका मंजूर नहीं।”

भारत का रुख
भारत ने पहलगाम हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि वह सिंधु जल संधि की समीक्षा करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो इसे रद्द भी कर सकता है। भारत का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा और जल संसाधनों के संरक्षण के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।

आपको बता दें कि सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से हुई थी, जो अब तक दोनों देशों के जल बंटवारे का आधार रही है। इस संधि के तहत भारत को व्यास, रावी और सतलुज नदियों के पानी पर अधिकार मिला था, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पानी मिला था। अब इस संधि पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।

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