RBI के आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था Q1 2024 में 7.8% की वृद्धि दर पर पहुंच गई, जो चीन (5.2%) और अमेरिका (2.1%) से आगे निकल गई। प्रमुख चालकों में विनिर्माण (+9.1%) और डिजिटल सेवाएँ (UPI लेनदेन ₹20 लाख करोड़ को पार कर गए) शामिल हैं। आलोचकों ने बढ़ती ग्रामीण बेरोज़गारी और मुद्रास्फीति (6.1%) को चिंता के रूप में उजागर किया।
पीएम मोदी ने इसे “आत्मनिर्भर भारत की जीत” कहा, जबकि विपक्षी नेताओं ने कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश की मांग की। IMF का अनुमान है कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
क्या यह गति बरकरार रह सकती है? विश्लेषकों का कहना है कि मानसून का प्रदर्शन और वैश्विक तेल की कीमतें निर्णायक होंगी।